डॉ अरविंद शर्मा का व्यक्तित्व
डॉ अरविंद शर्मा व्यक्तित्व के धनी हैं इनका मृदुभाषी स्वभाव एवं चेहरे की ओजस्वी मुस्कान सबका दिल जीत लेती है। यह विराट शख्सियत के एक ऐसे व्यक्तित्व हैं जो विपरीत परिस्थितियों में भी संयमित होकर उनका सामना करते हैं। कमेरे वर्ग के हमेशा दिलों में बसे रहे और गरीब आदमी के जीवन स्तर में कैसे सुधार किया जा सकता है इस दिशा में हमेशा कार्य किया।
डॉ अरविंद शर्मा से जो एक बार मिल लेता है सदा-सदा के लिए इनका होकर रह जाता है। अपनी वाणी और गुणों के प्रभाव के चलते उस पर गहरी छाप छोड़ देते हैं। बतौर एक राजनेता इनका सामाजिक दृष्टिकोण और अध्यात्म के प्रति बेहतरीन सोच इनके स्वर्गीय दादा संत पंडित जानकी प्रसाद जी के संस्कारों का परिचायक है। अपने पारिवारिक संस्कारों के चलते राजनीति में भी अपने संस्कारों पर जोर देते हुए एक संत की भांति सभी के कल्याण के लिए काम करते हैं और 36 बिरादरी के नेता हैं। और सभी को समान दृष्टि से देखते हैं और सभी को साथ लेकर आगे बढ़ते हैं। और यह खुद भी अपने आप को एक कार्यकर्ता मानते हैं और सभी कार्यकर्ताओं को अपने परिवार के सदस्य मानते हैं।
सेवा भाव उनके रोम-रोम में समाया हुआ है और उसी मूल भाव को सार्थक करते हुए वह दिन रात लोगों की सेवा में अग्रसर रहते हैं। इनका एक अभूतपूर्व गुण है दिलेरी अपने इसी स्वभाव के चलते पक्ष ही नहीं विपक्ष के भी व्यक्तियों से प्रभावित हुए बिना सामान्य जन एवं अपने कार्यकर्ताओं की हक की आवाज के लिए मजबूत कदम लेने में नहीं झिझकते। इन्होंने जीवन में कभी भी झुकना नहीं सीखा है।
एक नजर में जीवन
डॉ अरविंद शर्मा का जन्म 12 अक्टूबर 1963 को एक बड़े ही संत परिवार में गांव माजरा, जिला झज्जर, (रोहतक) हरियाणा में हुआ इनके दादा जी संत श्री जानकी प्रसाद जी बहुत बड़े संत थे। इनके पिता श्री सतगुरु दास जी सेवानिवृत्त प्राचार्य थे और माता श्रीमती विमला एक विनम्र ग्रहणी हैं।
इनकी प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय से हुई। इन्होंने डेंटल कॉलेज रोहतक से अपनी बी. डी. एस. व एम. डी. एस. (प्रोस्थोडॉन्टिस्ट) अहमदाबाद से किया।
इनकी पत्नी डॉक्टर रीटा शर्मा पेशे से एक रेडियोलॉजिस्ट हैं। वह स्वयं भी काफी सामाजिक एवं धार्मिक प्रवृत्ति की हैं। उनके आने से डॉ अरविंद शर्मा जी के सामाजिक कार्यों की गति दुगनी हो गई। इनके दो बच्चे हैं एक बेटा एवं एक बेटी। इनकी बेटी डॉक्टर हैं और बेटा इंजीनियर।
अपनी एम.डी.एस. दंत शल्य चिकित्सा की शिक्षा पूरी करने के बाद जनता की सेवा में आए। इन्होंने हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज की परीक्षा पास की और कुछ समय के लिए सोनीपत में डेंटल सर्जन के रूप में काम किया उसके पश्चात इन्होंने दिल्ली में अपना क्लीनिक शुरू किया और अपनी कुशाग्र बुद्धि के चलते थोड़े समय में क्लीनिक को ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। क्लीनिक के साथ-साथ इन्होंने सामाजिक कार्य भी किया।
इनके दादा, पिता और मां जो की एक पवित्र और महान जीवन का नेतृत्व करने वाले हैं। उन से इन्हें मजबूत नेतृत्व व समाज सेवा की प्रेरणा मिली ग्रामीण लोगों की दयनीय स्थिति में सुधार के लिए ग्रामीण क्षेत्र में पीने पानी पीने के पानी की कमी, भोजन व दवाइयों की कमी को दूर करने के लिए इन्होंने अपना क्लीनिक छोड़ ग्रामीण लोगों की सेवा में जाने का फैसला लिया। जल्दी ही कई सामाजिक कार्यकर्ता और परोपकारी संगठन इन के बेड़े में शामिल हो गए और यह एक बड़ी टीम बनाने में सफल हुए।
इन्होंने अपना पहला चुनाव पंचायत राज व्यवस्था के मुद्दे पर लड़ा। जिस पंचायती राज संघर्ष मोर्चा का गठन जून 1995 में हरियाणा राज्य में जिला परिषद द्वितीय स्तर का पंचायती चुनाव के तुरंत बाद किया इस सामाजिक संगठन के आप संचालक थे और इस संगठन ने पंचायती राज के लिए काम किया।
सोनीपत के 750 गांवों में से 150 गांवों में पीने के पानी की समस्या थी और दूसरी समस्या नौकरी पेशा लोगों को गन्तव्य स्थल तक आने जाने की। डॉ. अरविन्द शर्मा ने यह सुनिश्चित किया कि सोनीपत से दिल्ली हर रोज हजारों की संख्या में यात्रा करने वाले लोगों की यात्रा सुविधापूर्ण तथा सुगम हो तथा इस समस्या के समाधान के लिए सोनीपत से दिल्ली को जोड़ने वाली ट्रेनों की संख्या में तत्काल बढोत्तरी की आवश्यकता पर बल दिया। जिससे औधोगिक श्रमिकों और कार्यालय जाने वालों के समय की पाबंदी सुनिश्चित हो तथा औधोगिक इकाईयों के उत्पादन का बढ़ावा मिले।
इन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के उधोगपति व औधोगिक इकाईयों को स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा करने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित किया जिससे कि स्थानीय लोग जो कि आजीविका कमाने के लिए दिल्ली आते जाते थे उन्हें स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध हो। गोहाना क्षेत्र में जहां पर चीनी मिल का वजूद नहीं था वहां पर एक पूरी तरह कार्यात्मक चीनी मिल की स्थापना करवाई जिससे स्थानीय किसान दूर दराज के शहर के बजाए गोहाना चीनी मिल में ही सीधे गन्ना ले जाए। इससे सीधे और परोक्ष रुप से हजारों लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध हुआ है।
इन्होंने अपने जनसेवा के कार्यों से समाज के सभी जाति, वर्गों, युवा और बुजुर्गों का दिल जीत लिया ये दिन में लगभग 18 घंटे निरंतर काम किया करते थे जो कि आज तक निर्विघ्न रुप से जारी है। ये हमेशा जागरूक रहते हुए जनसेवा व अपनी स्वाभाविक विनम्रता और सुसंगत शिष्टाचार के लिए जाने जाते हैं।
राजनीतिक सफर
लोगों के आग्रह पर वर्ष 1996 में डॉ. अरविन्द शर्मा ने सोनीपत संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ा और अपनी जमीनी स्तर के व्यक्तित्व एवं दलितों, छात्रों, महिलाओं, शिक्षाशास्त्री बुद्धिजीवियों दलित, किसानों के साथ अच्छे संपर्क की वजह से बड़े मार्जिन के साथ जीत दर्ज की। इनका सोनीपत संसदीय क्षेत्र में सभी वर्गों और जातियों में बड़ा और स्थिर वोट बैंक रहा और उस समय अपनी जीत के लिए किसी भी स्थापित राजनैतिक पार्टी का सहारा नहीं लिया। वर्ष 1999 में ये कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। इन्होंने स्वयं के वित्तीय और तकनीकी संसाधनों के द्वारा हैंडपंप/ नलकूपों को लगवाकर बड़े स्तर पर पीने का पानी उपलब्ध करवाया। सोनीपत में अनेकों ट्रेनों का ठहराव भी करवाया।
हरियाणा विधानसभा चुनाव वर्ष 2000 में सोनीपत संसदीय क्षेत्र के गोहाना, सफीदों, जुलाना, कैलाना, रोहट, राई, बरौदा, विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार अभियान चलाया।
हरियाणा विधानसभा चुनाव वर्ष 2000 में रोहतक संसदीय क्षेत्र के किलोई बहादुरगढ़, हसनगढ़, बेरी, झज्जर, महम, विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार अभियान चलाया।
हरियाणा विधानसभा चुनाव वर्ष 2000 में नरवाना, विधानसभा क्षेत्र में प्रचार करने का अभियान चलाया।
वर्ष 2003 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा इनको केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षक के रुप में नियुक्त किया गया।
वर्ष 2004 में इन्होंने करनाल संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और अपने प्रतिद्वंदी को रिकार्ड वोटों से फिर से हराया।
अपने कार्यकाल के दौरान इन्होने लोगों और क्षेत्र के विकास के कल्याण के लिए बहुत मेहनत की, लगभग 20 से 25 करोड़ रुपये वित्तीय सहायता के रुप में जिला विकास योजना, विशेष विकास योजना और हरियाणा ग्रामीण विकास निधि योजना से और संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडीएस) के तहत दिया इससे चौपाल, सामुदायिक भवन, गलियां, श्मशान मैदान के चारों ओऱ दीवार का निर्माण किया गया एवं आंगनवाड़ियों की स्थापना कराई, पीने के साफ पानी उपलब्ध कराया, कच्ची गलियों को सिमेंटिड रोड में बदलवाया। इस कार्यकाल के दौरान सबसे मुख्य कार्य पानीपत में एलिवेटेड फ्लाईओवर का निर्माण रहा जिससे पानीपत शहर को यातायात के जाम से निजात मिली और आज भी लाखों लोगों को इसका फायदा पहुंच रहा है।
ये कभी भी जातिगत राजनीति में लिप्त नहीं हुए और सभी छत्तीस बिरादरी की सेवा की। एक प्रतिबद्ध युवा नेता के रुप में इन्होंने गरीब, दलित, किसानों और अल्पसंख्यकों की सेवा करना जारी रखा। इनके दरवाजे हर किसी का स्वागत करने के लिए 24 घंटे खुले हुए हैं और किसी भी समय हर आगंतुक का सामाजिक शिष्टाचार के साथ स्वागत किया जाता है सही मायने में इनके घर में अतिथि देवो भवः के प्रत्यक्ष रुप से दिखाई देता है और इनकी धर्मपत्नी डॉ रीटा शर्मा अपने संस्कारों के चलते देवी अन्नपूर्णा के रूप में स्वयं हर आगंतुक का पूरा ध्यान रखती हैं।
डॉ अरविंद शर्मा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद वर्ष 2004 के पूर्व सदस्य थे। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस वर्ष 2004 की सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य रहे। वर्ष 2004 विदेश मंत्रालय की स्थायी समिति के पूर्व सदस्य रहे। रेलवे समिति वर्ष 2004 के पूर्व सदस्य रहे।
वर्ष 2009 में इन्होंने फिर से जनता के आशीर्वाद से करनाल संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीता, लोगों ने उनके अच्छे कर्म औऱ सेवाओं को स्वीकार किया। इस कार्यकाल में भी पूर्व की भांति इनके द्वारा ढेरों जन कल्याण के कार्य निरंतर जारी रखे गए।
पूर्व राजनीतिक जिम्मेदारियां:-
- स्टैंडिंग कमेटी ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर
- सेंट्रल कमेटी ऑफ ट्यूबरक्लोसिस एसोसिएशन ऑफ इंडिया
- इंडियन काउंसिल ऑफ नर्सिंग
- कंसलटेटिव कमिटी ऑफ़ ट्यूबरक्लोसिस एसोसिएशन ऑफ इंडिया
- इंडिया-लाओ पीडीआर पार्लियामेंट्री फ्रेंडशिप ग्रुप
- कमेटी ऑन एब्सेंस ऑफ मेंबर्स फॉर सिटिंग ऑफ हाउस
- हिंदी सलाहकार समिति फॉर द डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स
इस दौरान इनके द्वारा किए गए कुछ प्रमुख कार्य:-
मोदी जी की नीतियां, कार्यशैली और उनकी देश प्रेम की लगन इन्हे भारतीय जनता पार्टी की तरफ खींच लाई।
हरियाणा बनने के बाद वर्ष 1966 से लेकर अभी तक तीन लालों के परिवारों की हरियाणा की राजनीति में एक अहम भूमिका रही है परंतु आज तक भी इस महत्वपूर्ण रोहतक लोकसभा क्षेत्र में किसी भी लाल का कोई भी वंशज यह सीट नहीं जीत पाया। जबकि प्रदेश की राजनीतिक राजधानी होने के चलते हरियाणा के बड़े-बड़े राजनीतिक घरानों की अभिलाषा यह सीट जीतने की रही है। सिर्फ एक ही राजनीतिक परिवार काफी लंबे समय से इस सीट पर अपना वर्चस्व स्थापित किए हुए थे। लेकिन एक गैर राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हुए एक समाजसेवी पारिवारिक परिवेश से संबंधित डॉ अरविंद शर्मा ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर रोहतक जैसी महत्वपूर्ण सीट पर अपने करिश्माई नेतृत्व, सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पण, जमीनी जुड़ाव और 36 बिरादरी के सहयोग एवम् आशीर्वाद से इस महत्वपूर्ण लोकसभा सीट को जीतकर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की झोली में डाल दिया।
भले ही राजनीतिक रूप से यह लोक सभा सीट इन के लिए नई थी लेकिन रोहतक इनका गृह क्षेत्र है। अपनी कार्यशैली, विनम्र स्वभाव और सेवा भाव से लोगों के ह्रदय में शीघ्र ही अपनी जगह बनाई। इस दौरान केंद्र सरकार द्वारा भी बहुत सारे महत्वपूर्ण विषयों पर कार्य किया गया जिनमें धारा 370 का हटाया जाना और सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट (नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019) कानून इसके लिए इन्होंने पाकिस्तान से आए हुए पीड़ित हिंदू परिवारों से संपर्क स्थापित करके उन सभी को नए कानून के प्रति जागरूक किया। माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में 02 अक्टूबर को स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस को गति देने के लिए सभी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के लोगों को जागरूक किया। स्कूली छात्रों से मुलाकात की और उनको स्वच्छता अभियान में सहभागी बनाया।, पौधारोपण अभियान के लिए भी बढ़ चढ़कर कार्य किया और न सिर्फ स्वयं पौधारोपण किया बल्कि औरों को भी इस मुहिम से जोड़ा। माननीय प्रधानमंत्री जी के निर्देशन में केंद्र सरकार द्वारा पारित आयुष्मान भारत परियोजना का प्रचार के गांव गांव जाकर किया और लोगों को समझाया की इस योजना की मदद से गरीब से गरीब व्यक्ति भी अच्छे से अच्छे अस्पताल में अपना निशुल्क इलाज करवा सकता है। अटल सेवा किसान मजदूर कैंटीन की स्थापना, संचालन एवं मंडियों में किसानों को आने वाली दिक्कतों को दूर करवाने के लिए निरंतर मंडियों का दौरा किया।
इसके तुरंत बाद वैश्विक महामारी कोरोना से उत्पन्न आपातकाल की स्थिति में डॉ अरविंद शर्मा ने ने स्वयं लोगों के बीच जाकर उनको कोरोना महामारी से बचाव एवं सुरक्षा के लिए उनको जागरूक किया। मास्क, सैनिटाइजेशन एवं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के पालन की जानकारी दी। इस विपरीत समय में प्रवासी मजदूरों को सही सलामत उनके घर पहुंचाने के लिए रेलों के संचालन में अपना योगदान दिया साथ ही मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए यहीं पर उनके रहने की उचित व्यवस्था करते हुए शेल्टर होम स्थापित किए। उनके रहने एवं खाने पीने की व्यवस्था की और निरंतर कार्यों की समीक्षा की। लॉकडाउन के समय कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर–घर राशन पहुंचाया। समय समय पर चिकित्सा अधिकारियों की मीटिंग लेकर सी.एच.सी., पी.एच.सी., सिविल हॉस्पिटल, पीजीआइएमएस एवं अन्य कोरोना आइसोलेशन सेंटरों की सुविधाओं का जायजा लिया। साथ इस दौरान एक महत्वपूर्ण काम और किया कि सभी प्राइवेट हॉस्पिटलों एवं प्राइवेट लैबों के रेटों को जायज करके निर्धारित करवाया ताकि आमजन को इसका फायदा मिल सके।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी अपने क्षेत्र के प्रत्येक गांव से जुड़ने के लिए इन्होंने तकनीक का सहारा लेते हुए वर्चुअल माध्यम से सभी अधिकारियों, चिकित्सकों, ग्रामीणों एवं कार्यकर्ताओं से संपर्क करके गांव में स्थापित किए गए आइसोलेशन सेंटरों का जायजा लिया एवं कोरोना किट्स बटवाए और उनको उचित दिशा निर्देश देते हुए आमजन को आ रही समस्याओं का निराकरण करवाया। इसमें सभी गांव में सैनिटाइजेशन एवं लोगों में मास्क एवं सैनिटाइजर का वितरण करवाया। केंद्र एवं प्रदेश सरकार से सरकार के सहयोग से सभी जिला स्तर के अस्पतालों में नए ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना एवं उनमें मौजूद बैडों की संख्या को बढ़ाना, ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाना इत्यादि प्रमुख रहें। इनकी धर्मपत्नी डॉक्टर रीटा शर्मा जी ने भी इस दौरान कंधे से कंधा मिलाकर इनका साथ दिया। एक डॉक्टर होने के नाते उन्होंने अपनी सेवाएं सभी जरूरतमंद लोगों को दी कोरोना की इस लड़ाई में उनका योगदान भी महत्वपूर्ण है।
इस दौरान डॉ अरविंद शर्मा जी द्वारा डॉ अरविंद शर्मा कॉविड वॉरियर टीम का गठन किया गया जिसमें जिले वार डॉक्टरों की सूची जारी करके उनके नंबर सभी के लिए सार्वजनिक किए गए ताकि सभी कोरोना के मरीज एवं उनके सहयोगी जरूरत पड़ने पर सीधे इनकी टीम से परामर्श एवं चिकित्सा सहायता प्राप्त कर सकें। इन की टीम ने इनके मार्गदर्शन में दिन–रात कार्य करते हुए हर जिले में हजारों लोगों को फायदा पहुंचाया इन्होंने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दिशा निर्देशन में अनेकों मूलभूत सुविधाओं का विकास करवाने में अपना योगदान दिया।
साथ ही केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे निशुल्क कोरोना टीकाकरण अभियान में व्यापक भागीदारी की। स्वयं टीकाकरण करवा कर और लोगों को भी जागरूक किया। निशुल्क टीकाकरण कैंपों का आयोजन किया ताकि सभी को वैक्सीन दी जा सके।
अभी भी निरंतर इनके अथक प्रयास जारी है और अंतोदय की भावना को साकार करते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी सुविधाओं एवं पर योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए यह प्रयासरत हैं।